तू ही हाथ थामले ए जिंदगी अब और कोई भाता नहीं, सुकून हैं सिर्फ चाही मंजिल में, रास्तों में अब और भटका जाता नहीं, उलझ गए हैं मुश्किलों के भंवर में कोई किनारा दूर तक नजर आता नहीं, दर्पण तो बहुत होगे सबके पास में, चेहरा देख हाल बतादे ऐसा पाता नहीं, चाहते हैं खत्म हो साँसों का सफर, पर वो पल भी तो आता नहीं। ©Priya Gour जिंदगी... ❤ #Love #22july 8:35 #जिंदगी