इरादा है महोब्त आज भी मगर तन्हा इरादा नहीं अब तुझे पाने का, "मुकाम एसा लिखूंगा एक दिन" तू आइने सामने ख़ुद ही से सवाल की तन्हा शायर को इनकार क्यों किया। ©Ek tannha shayar #इरादा