दर्द ए दिल,बे-जुबाँ शाम कुछ तो है। तेरी मगरूरी में,मेरी मजबूरी कुछ तो है। तेरा जिक्र लिख कर भी,लिखना अधूरा सा है। मेरा जिक्र कुछ भी हो,तेरा नाम कुछ तो है। ।प्रवीण। नाम,P