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भींगती रही ज़मीं ओस की बूँदों को अपने मे जज़्ब करती

भींगती रही ज़मीं
ओस की बूँदों को
अपने मे जज़्ब करती रही
तकिये के जैसे 
अश्कों को निःशब्द 
अपने मे सोखती रही



 #ओस की बूंद#yqdidi
भींगती रही ज़मीं
ओस की बूँदों को
अपने मे जज़्ब करती रही
तकिये के जैसे 
अश्कों को निःशब्द 
अपने मे सोखती रही



 #ओस की बूंद#yqdidi
anupamajha9949

Anupama Jha

New Creator

#ओस की बूंदyqdidi