तेरे साथ बिताई वो खूबसूरत शाम आज भी याद है हमें, आंँखों में आंँखें डाल कर तेरा वह मुस्कुराना याद है हमें। करने लगे थे तेरी कही हर एक बात पर दिल से यकीन, वो चाशनी में डूबोकर की तेरी हर एक बात याद है हमें। देखने लगी थी ये आंँखें तेरी चाहत के सपने दिन में ही, जाते समय तेरा मुझसे नजरें चुरा कर जाना याद है हमें। तूने की हमसे दिल की लगी पर मेरे लिए दिल्लगी बन गई, रात दिन तेरे ख्यालों में रहकर आंँसू बहाना याद है हमें। चाहत नहीं थी फिर भी तूने वह शाम खूबसूरत बनाई थी, मेरा दिल चुराया चुरा कर तोड़ देना आज भी याद है हमें। ♥️ Challenge-590 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।