नींद टूटी ख़्वाब चटका, हकीकत सामने खड़ी, आंखों में सवाल लिए है, तंज़ हकीकत के चेहरे पर दिखा, तेज़ धूप सा चमकता हुआ, पूछता है सवाल मुझसे, बताओ तो ज़रा, तुमने मुझे, पहचाना, फिर भी, अनजान बने रहे, अब हकीकत का सामना, किए बिना तुम्हारे पास कोई, उपाय ही नहीं बचा, उठो जागो और, स्वयं को, संभालो।। नींद टूटी ख़्वाब चटका, हकीकत सामने खड़ी, आंखों में सवाल लिए है, तंज़ हकीकत के चेहरे पर दिखा, तेज़ धूप सा चमकता हुआ, पूछता है सवाल मुझसे, बताओ तो ज़रा,