राहें मैं नासमझ एक भटके हुए मुसाफिर की तरह... जिंदगी की मसाफ़त पे... बस चलते जा रहा हूं... बस चलते जा रहा हूं...।। #punjabipoetry #urdupoetry #meredost #pavitarpaapi मसाफ़त=journey