मंजिल है बहुत पास मगर कठिन है सफर हो सफलता की अगर आस मेहनत ही है उसका एकमात्र राज | कुछ नही बनता बिना चोट लगे बनाना है अगर खुद को बेहतर तो करना वही जो कोई कर न सके | रोकने दो जिसको है रोकना चलना मजबूरी नही आदत है गलती पर खुद को टोकना खुद पर विश्वास की हिफाज़त है | जाना है अगर दूर कही शुरुआत नजदीक से करो करने पर नामुमकिन को मुमकिन मिल जायेगी खड़ी सफलता वही | ~श्रेया सिंह ©Shreya Singh Safalta 0km🕗 #poetry_addicts #shreyasingh