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ज़िन्दगी के सफ़र में चल कर कहां आ गया हूँ, ज़िन्दग

ज़िन्दगी के सफ़र में चल कर कहां आ गया हूँ,
ज़िन्दगी के इस मुकाम पर आकर क्यूँ परेशां हूँ मैं,

धुंध और कोहरे से भरी इस राह पर यूँ चला जा रहा हूँ मैं,
आगे भी दूर तलक बस एक यही मंज़र है छाया हुआ हर तरफ,

न पूछ ए दोस्त कैसे किस तरह के मरहलों से गुज़रना पड़ा है हमें,
अरविंद अब भी जारी है वही धुंध-ओ-कोहरा वो आँधी,अब आगे क्या होगा I

©Arvind Akv
  #अब आगे क्या होगा
arvindkumarverma4870

Arvind Akv

Bronze Star
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#अब आगे क्या होगा #ज़िन्दगी

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