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मेरे आंगन में रोशन दिया हो गया , आयो ये अंधिया ये

मेरे आंगन में रोशन दिया हो गया ,
आयो ये अंधिया ये तुम क्या हो गया,
जिसने मंज़िल का दिया था हमको
 पता ना जाने कहा लापता हो गया,
रोते रोते हो हम मुस्कुराने लगे ,
दोस्तो के साथ किए हर एक कराम ,
याद आने लगे,मैंने पूछा
 जो उनसे ज़िन्दगी का पता,
वो तोड़ कर हमें फूल दिखने लगे ,
दो पल में रूप कर चल दिया कुछ
 इस तरह उनको मैंने में हमको ज़माने लगे । 

अगर मेरी ये कविता अच्छी लगी हो तो लाईक और शेयर करे 
के डी राजपूत Nitish Singh shivam kumar mishra iBaDaT-e iShQ OM BHAKAT "MOHAN,(कलम मेवाड़ की) 
#Shayari #Pomes 
#Jai Maa #Kerni
#Mshadev
मेरे आंगन में रोशन दिया हो गया ,
आयो ये अंधिया ये तुम क्या हो गया,
जिसने मंज़िल का दिया था हमको
 पता ना जाने कहा लापता हो गया,
रोते रोते हो हम मुस्कुराने लगे ,
दोस्तो के साथ किए हर एक कराम ,
याद आने लगे,मैंने पूछा
 जो उनसे ज़िन्दगी का पता,
वो तोड़ कर हमें फूल दिखने लगे ,
दो पल में रूप कर चल दिया कुछ
 इस तरह उनको मैंने में हमको ज़माने लगे । 

अगर मेरी ये कविता अच्छी लगी हो तो लाईक और शेयर करे 
के डी राजपूत Nitish Singh shivam kumar mishra iBaDaT-e iShQ OM BHAKAT "MOHAN,(कलम मेवाड़ की) 
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#Jai Maa #Kerni
#Mshadev