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खुद जल के अपने घर को रोशनी करती है अपनों को ज़िंदा

खुद जल के अपने घर को रोशनी करती है
अपनों को ज़िंदा रखने के लिए रोज़ मरती है

तेरी भी कोई मजबूरी रही होगी
जो इस क़दर तू मर मर के ज़ी रही होगी
कंधों पे जिमेदारियों का बोझ लिए
तू भी घर से बाहर निकली होगी
इसलिए अपनों के लिए तू भी रोज मर मर के ज़ी रही होगी

अपनों के लिए क्या कुछ नहीं करती है
होंठो पे मुस्कान, दिल में लाखों दर्द लिए घूमती है
अपनों को ज़िंदा रखने के लिए रोज़ मरती है
पर फिर भी समाज में वो इज्ज़त नहीं कमा पाती है
जनाब वो तवायफ कहलाती है Inspired by Nishant Singh Rajput 
#yqdidi 
#yqdidiquotes 
#yqhindi 
#ananya1016 
#tawayaf  
#तवायफ 
#तवायफ_जिंदगानी
खुद जल के अपने घर को रोशनी करती है
अपनों को ज़िंदा रखने के लिए रोज़ मरती है

तेरी भी कोई मजबूरी रही होगी
जो इस क़दर तू मर मर के ज़ी रही होगी
कंधों पे जिमेदारियों का बोझ लिए
तू भी घर से बाहर निकली होगी
इसलिए अपनों के लिए तू भी रोज मर मर के ज़ी रही होगी

अपनों के लिए क्या कुछ नहीं करती है
होंठो पे मुस्कान, दिल में लाखों दर्द लिए घूमती है
अपनों को ज़िंदा रखने के लिए रोज़ मरती है
पर फिर भी समाज में वो इज्ज़त नहीं कमा पाती है
जनाब वो तवायफ कहलाती है Inspired by Nishant Singh Rajput 
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