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सुनो!पूछना है कुछ तुमसे क्या गुनाह है? मोहब्बत तुम

सुनो!पूछना है कुछ तुमसे
क्या गुनाह है? मोहब्बत तुमसे
क्यों नही जी सकता ?
कुछ हसीन पल,तुम्हारे साथ
जानता हूँ,नही थाम सकता
हाथों में हाथ तुम्हारा
क्या हाथ थाम कर ही,
हो सकता हूँ तुम्हारा
दूरियां है मंजूर हमको
नही मिलना है तुमसे
यह रूह की दूरियां कैसी
मोहब्बत की मजबूरी कैसी
मैं क्यों कुछ हो कर
कही खो जाता हु
कही खोकर जब सोचता हूं
सिर्फ तुम ही क्यों
सामने आकर मुस्कराती हो
कानो में गुनगुनाती हो
मैं यो खामोश होकर
नही जी सकता हूँ
कहाँ खो गयी तुम अब
सुनो, मैं यो खामोश होकर
नही जी सकता हूँ
सुनो!पूछना है कुछ तुमसे
क्या गुनाह है? मोहब्बत तुमसे
मैं ऐसा कैसे हो गया
मैं बिना तुम्हारे
क्यों नही जी सकता हूँ ?
Kunwarsurendra सुनो!पूछना है कुछ तुमसे
क्या गुनाह है? मोहब्बत तुमसे
क्यों नही जी सकता ?
कुछ हसीन पल,तुम्हारे साथ
जानता हूँ,नही थाम सकता
हाथों में हाथ तुम्हारा
क्या हाथ थाम कर ही,
हो सकता हूँ तुम्हारा
सुनो!पूछना है कुछ तुमसे
क्या गुनाह है? मोहब्बत तुमसे
क्यों नही जी सकता ?
कुछ हसीन पल,तुम्हारे साथ
जानता हूँ,नही थाम सकता
हाथों में हाथ तुम्हारा
क्या हाथ थाम कर ही,
हो सकता हूँ तुम्हारा
दूरियां है मंजूर हमको
नही मिलना है तुमसे
यह रूह की दूरियां कैसी
मोहब्बत की मजबूरी कैसी
मैं क्यों कुछ हो कर
कही खो जाता हु
कही खोकर जब सोचता हूं
सिर्फ तुम ही क्यों
सामने आकर मुस्कराती हो
कानो में गुनगुनाती हो
मैं यो खामोश होकर
नही जी सकता हूँ
कहाँ खो गयी तुम अब
सुनो, मैं यो खामोश होकर
नही जी सकता हूँ
सुनो!पूछना है कुछ तुमसे
क्या गुनाह है? मोहब्बत तुमसे
मैं ऐसा कैसे हो गया
मैं बिना तुम्हारे
क्यों नही जी सकता हूँ ?
Kunwarsurendra सुनो!पूछना है कुछ तुमसे
क्या गुनाह है? मोहब्बत तुमसे
क्यों नही जी सकता ?
कुछ हसीन पल,तुम्हारे साथ
जानता हूँ,नही थाम सकता
हाथों में हाथ तुम्हारा
क्या हाथ थाम कर ही,
हो सकता हूँ तुम्हारा