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पल्लव की डायरी चले हम अपनी मन की आखों से राहे खुद

पल्लव की डायरी
चले हम अपनी मन की आखों से
राहे खुद अपनी बनायेगे
बहुत जकड़ लिया बन्धनों ने
कई प्रतिबन्धों ने चौखट तक बांधा है
गरिमा मयी सपने  मे भी उदघाटित करू
धरती चाँद पहाड़ो के रहस्यों को 
अपने तरीके से नजरिया दिखलाना है
                                                 प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"
  #StandProud अपने तरीके से नजरिया दिखलाना है
#nojotohindi

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