ख़ास पल यूँ तो हर पल खास होते हैं पर अपने साथ हो तो वो पल यादगार होते है वो है तो लम्हे गुजर जाते हैं वरना फिर तो लम्हे भी हमे तनहा अकेले छोड़ जाते हैं लम्हो से गुज़ारिश हैं थोडी देर ठहरे मेरे पास मेरे अपनो से मिलने के बाद वो भी यादगार बन जाने है थोड़ी देर ठहरे इन महफिलो में कुछ पराये भी अपने बन जाने है apne to apne hote h