बस ये बात ही समझने में देर लग गई की जिनके बीच में अनकहे बातों से बातें ठीक होती थी जब उन्हें इतना कुछ कहना सुनना और लिखना पड़ा है फिर भी बातों का मतलब वो निकला है जो एक दूसरे को कभी नहीं मैंने या तुमने कहा है तो मतलब कही न कही सब खत्म कब का हो ही चुका है... बस मन मानता नहीं जाने ऐसे क्यों बेबस सा हो गया है, इससे दोस्त को गवाना ना कभी गवारा नहीं हुआ है, पर अब इससे मानना पड़ेगा की गवा चुका है, दोस्त और दोस्ती दोनो गवा चुका है, क्यों की साथ निभाने में चूक होगई उससे इसलिए वो साथी कभी तुम्हारा नहीं ही बना है, बस उससे ऐसा लगा है के स्नेह से सब जुड़ा था और स्नेह ही जैसे अब कमजोर पड़ गया है, इसलिए हर दफा लिखता है की मान पाए की अब नही कुछ बचा है पर क्या करे लिखते लिखते भी हमेशा रो ही पड़ा है... Sorry for writing this not taunting you just getting things out of my mind always and then when I sit for a moment I just get all those thoughts back again... मुझे उमर ने कभी बड़ा नही किए मुझे हमेशा मेरे जीवन में किसी के आने और उसके जाने के बीच की बातों ने इतना बड़ा कर दिया और अंत में अकेले बैठकर बस जवाब ढूंढना रह गया क्यों की सवालों में मन सिर्फ मेरा ही रहा सामने वाला तो अपनी बातों को कहकर अपने हिसाब से सब कुछ समझकर मुझे सब कुछ अकेले समझने के लिए अलविदा भी बना कहे मेरे अंदर बस सवालों के साथ रह गया... #missingyou #lovingyou #mywritingmywords #mywritingmythoughts #broken #lost #pain #hurts