दिल-ए- बेकरार कहाँ जा बहका है। प्यालों से न बुझी ,तो...मयखानों मे बैठा है। गम-ए- हमाम मे नहाता क्यों है? कमबख़्त...! फिर दर-बदर , दिल को सहलाता फिरता है। ©Sangeeta Negi दिल की डांट। #Love#shayrilove#lovegazal#lonely#dardshayri#heartbreakingshayri. #Loneliness