रात की रोशनी जगमगा रही हैं बड़े दिनों बाद तुम्हारी याद आ रही है साल बीत गए हमे अलग हुए मगर न जाने क्यो जाने अंजाने तुम्हारी याद आ जाती है सच कहु तो भूल जाना चाहती हूँ मगर क्या करू दिल के जज्बात कही और जाते नही शायद तुम आओगे यही आस लगाए रहती है मुझे पता है कि तुम भूल चुके होंगे सब कुछ इसीलिए तो हर बार रुक जाती हूँ कभी आँखो मे कभी दिल में अपने जज्बात दबा जाती हूँ ये तो शायद रात की रोशनी का असर है जो बाते तुम कह पायी कागजो मे बया कर ली है वरना तो बंद कमरे मे ही तुम्हें सोच कर हर बार मुस्कुरा देती हूँ।।। ©Shira #Poetry #shira#nojoto#nojotohindi