देश को आज़ाद हुए यूँ तो 78 साल हो गए.. मगर ये किस तरह की आज़ादी है? जिसमे हम अपने पसंद केे कपड़े तक नहीं पहन सकते हैं क्योंकि किसी दूसरे की नज़र गंदी है.. ये किस तरह की आज़ादी है? की रात को अगर घर आने में 5 मिनट भी लेट हो जाए तो किसी अनहोनी के डर से घर वालों की सांस अटक जाती है.. ये किस तरह की आज़ादी है? कि राह चलते कोई गाड़ी स्लो होकर हो कर पास से गुजर जाए तो घबराहट के मारे दिमाग सुन्न पड़ जाता है.. ये किस तरह की आज़ादी है? कि सरेराह हमें छूकर कोई निकल जाए और हम इस डर से कुछ नहीं कहते की कही कल को हमारे चेहरे पर तेजाब ना फेंक दिया जाए.. ये किस तरह आज़ादी है? जिसमें उनकी ग़लतियों की सजा़ भी हमें मिलती है नाम और चेहरा भी हमारा छुपाया जाता है.. और ये किस तरह आज़ादी है?? जिसमें हम लड़कियों को इंसान भी नहीं समझा जाता.. ©Chanchal Chaturvedi #againstrape #Chanchal_mann #Stoprape