घने कोहरे के दरमिया रूबरू हुई थी दो तन्हाई आखे बया कर रही थी खमोस लब चुपचाप परे थे । यू इस्क ने ऐसा जकरा है दोनो को वो कहते गए शानू सुनते गए इस अनछुए से एहसास के दरमिया वो सिमट-ते गये हम सवरते गए ।। ©Dr kumar Shanu #Foggy #drksy