मेरे इशक का नसीब था , मेरे प्यार का दस्तूर था । चांद को चांद मान बैठा था , अब रात का इंतेज़ार हो गया था । मेरी कमनसीबी का मुझपर रहम हो गया , मेरा चांद मेरे घर के बगल हो गया ।। मेरी कमनसीबी देखो... #कमनसीबी #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi