अटूट बंधन प्रेम और संबंध में, व्यंग और छंद में मांझी की नाव से , लहर की मझधार से एक अटूट बंधन है ..…... फूल और सुंगध में , प्यारे उस रंग में उस पर्वत राज से , बादलों के साज़ से बीते उस कल से , मधुर उस पल से अच्छा वो राज़ था , मिला जो आज से एक अटूट बंधन है ........ पिता का वो पुत्र से , मां के रंग सूत्र से गुरु के सत्कार से , परिवार के संस्कार से मधुर वो सूत्र बंधन , करुणा का वो निबंध है एक अटूट बंधन है ........ एक अटूट बंधन है........ ©GIRJESH GUPTA #अटूट बंधन SAYYED NIKHAT دل سے درد کا رشتہ