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#OpenPoetry तुमसे बिछडनेसे बहुत डरता हू मै, चिडीया

#OpenPoetry तुमसे बिछडनेसे बहुत डरता हू मै,
चिडीया के छोटे बच्चे जैसा हू मै...
सब के बातो पे युही पिघल जाता हू,
जैसे झिल से पाणी उतरे ऐसा हू मै...
जा नदी से पुछ प्यासी जुबानी मेरी,
तेरे एक मुस्कान का प्यासा हू मै... 
बिछडा हू जबसे तुझसे,
मेरी माँ से पुछ कैसा हू मै...
तुझे वापस पाने की उम्मीद है दिलमे
नदी को है समंदर का इंतजार जैसे, वैसा हू मै. #kaisahumai...
#OpenPoetry तुमसे बिछडनेसे बहुत डरता हू मै,
चिडीया के छोटे बच्चे जैसा हू मै...
सब के बातो पे युही पिघल जाता हू,
जैसे झिल से पाणी उतरे ऐसा हू मै...
जा नदी से पुछ प्यासी जुबानी मेरी,
तेरे एक मुस्कान का प्यासा हू मै... 
बिछडा हू जबसे तुझसे,
मेरी माँ से पुछ कैसा हू मै...
तुझे वापस पाने की उम्मीद है दिलमे
नदी को है समंदर का इंतजार जैसे, वैसा हू मै. #kaisahumai...