चल पड़े हैं हम आज फिर,मँजिलों की तलाश में जिंदगी भी कटती रही है,कभी आस कभी काश में एक बार जो ग़ुम हुए फिर कहीं मिले नहीं ढूंढ़ता मै तुम्हें रहा,कभी शतरंज कभी ताश में भागता तो रोज़ हूँ पर कहीं पहुँचता नहीं जैसे पंछी कोई भटक गया हो रास्ता आकाश में हवाओं सी फितरत है तेरी, कहाँ तू है ठहरती बादलों सा संग उड़ रहा हूं, कभी धूप कभी रात में मिले तुम तो ऐसा लगा, दुआ कोई कुबूल हुई लौट आई हों साँसें फिर,जैसे जिंदगी की तलाश में बहुत देर हो गई,कहीं तुम मिले नहीं ढूंढ़ता मैं तुम्हें रहा,कभी दूर कभी पास में... Abhishek Trehan #collabwithyqdidi #manzil #rasta #zindagi #kavita #shyari #hindiquotes #myquote