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हां में ऐसा ही हू थोड़ी गुस्सा थोड़े आंशु आंखो मे

हां में ऐसा ही हू 
थोड़ी गुस्सा थोड़े आंशु आंखो में रहते है आजू बाजू। 
खुल कर बोलना चाहता हूं पर बोल नहीं पाता ,हंस कर जीना चाहता हूं पर जी नहीं पाता ।
हां मै ऐसा ही हू।।
ज्यादा प्यार दे कोई तो चिड़चिड़ा हो जाता है नफरत जो करे कोई तो हंस का चला जाता हूं ।
हां मै ऐसा ही हू।।
मन में गहरे राज लिए जीता चला जाता हू ।
जो कभी कह दू तो झुंझलाता चला जाता हू।।
रखता हूं चाहत करता हूं इबादत मेरे दोस्त रहे सलामत ।
 थोड़ा बहुत जानता हू पर कहने से घबराता हूं ।
ना जाने क्यों कभी कभी खुद से आखे नहीं मिला पता हूं।
हां ऐसा ही हू में।।
गलतियों को दोहराता हूं ,सभी को खुश रखना चाहता हूं।
अपने अंदर के अंधेरे से घबराता हूं इसीलिए शायद दिन्नभर भटकता जाता हू।।
हां मै ऐसा ही हू।।
अकेले में आंसुओ को रोक नहीं पाता हूं।
बिना बात के हर बात बात पर मुस्कुराता हू।।
हां में ऐसा ही हू।।
रास्ता ढूंढते- ढूंढते सालों लग दिए।
 जो हकदार से मेरी धुंधली मंजिल के साफ होते है ना जाने किधर चल दिए।।
जो देखा, वो सोचा नहीं ,जो  सोचा वो लिखा नहीं ,जो लिखा वो  पढ़ा नहीं।।
नौकरी ढूंढी खुशियां खोजी।
पर खुद में खोज सका ना खुदको।।

हा बिल्कुल ऐसा ही हू में।।

©mudit sharma #haa aisa hi hu me
हां में ऐसा ही हू 
थोड़ी गुस्सा थोड़े आंशु आंखो में रहते है आजू बाजू। 
खुल कर बोलना चाहता हूं पर बोल नहीं पाता ,हंस कर जीना चाहता हूं पर जी नहीं पाता ।
हां मै ऐसा ही हू।।
ज्यादा प्यार दे कोई तो चिड़चिड़ा हो जाता है नफरत जो करे कोई तो हंस का चला जाता हूं ।
हां मै ऐसा ही हू।।
मन में गहरे राज लिए जीता चला जाता हू ।
जो कभी कह दू तो झुंझलाता चला जाता हू।।
रखता हूं चाहत करता हूं इबादत मेरे दोस्त रहे सलामत ।
 थोड़ा बहुत जानता हू पर कहने से घबराता हूं ।
ना जाने क्यों कभी कभी खुद से आखे नहीं मिला पता हूं।
हां ऐसा ही हू में।।
गलतियों को दोहराता हूं ,सभी को खुश रखना चाहता हूं।
अपने अंदर के अंधेरे से घबराता हूं इसीलिए शायद दिन्नभर भटकता जाता हू।।
हां मै ऐसा ही हू।।
अकेले में आंसुओ को रोक नहीं पाता हूं।
बिना बात के हर बात बात पर मुस्कुराता हू।।
हां में ऐसा ही हू।।
रास्ता ढूंढते- ढूंढते सालों लग दिए।
 जो हकदार से मेरी धुंधली मंजिल के साफ होते है ना जाने किधर चल दिए।।
जो देखा, वो सोचा नहीं ,जो  सोचा वो लिखा नहीं ,जो लिखा वो  पढ़ा नहीं।।
नौकरी ढूंढी खुशियां खोजी।
पर खुद में खोज सका ना खुदको।।

हा बिल्कुल ऐसा ही हू में।।

©mudit sharma #haa aisa hi hu me
muditsharma2096

mudit sharma

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