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आँखों से अब आँसू कम,उमीदे ज़्यादा झड़ती है।। मेरी

आँखों से अब आँसू कम,उमीदे ज़्यादा झड़ती है।।

मेरी जिन्दगी की कहानी मै पन्ने जुड़ते  कम बिखर्ते 
ज़्यादा है।।

अब इस उलझन में बस एक ही सवाल उठता है,
ख्वाब सजऊ या नही क्युंकि कुछ ख्वाब तो उमीदो के 
साथ ही टूट जाते है।।

जान-निसार होकर  हमने कुछ उमीदें लगायी थी वो,तो
पूरी ना हुई पर एक तसली दे गयी की वो पूरी ही न्ही होगी।।
@ईशाशर्मा #उमीद
आँखों से अब आँसू कम,उमीदे ज़्यादा झड़ती है।।

मेरी जिन्दगी की कहानी मै पन्ने जुड़ते  कम बिखर्ते 
ज़्यादा है।।

अब इस उलझन में बस एक ही सवाल उठता है,
ख्वाब सजऊ या नही क्युंकि कुछ ख्वाब तो उमीदो के 
साथ ही टूट जाते है।।

जान-निसार होकर  हमने कुछ उमीदें लगायी थी वो,तो
पूरी ना हुई पर एक तसली दे गयी की वो पूरी ही न्ही होगी।।
@ईशाशर्मा #उमीद