काले गोरे का भेद काले गोरे में भेद करते हो काला दिल सफेद करते हो दिल से गोरे हो क्या? चांद चकोरे हो क्या? श्याम वर्ण श्याम सुंदर को पूजते हो मां काली के चरणों को चुमते हो दिल से पूजा करते हो क्या? मन से मानते हो क्या? जब चाहा मजाक उड़ा दिया जब चाहा हंसी का पात्र बना दिया मन के सच्चे हो क्या? दिल से अच्छे हो क्या? दर्पण देखो निहारो खुद को गोरी चमड़ी के भीतर काला दिल तो नहीं हां होगा सही सूरत तो सुंदर सीरत से सुंदर हो क्या? बाहरी दिखावा सच्चे मन के धनी अंदर हो क्या? सफेदी बाहरी देखकर औरों को खूबसूरत कहते हो काले रंग को देखकर बदसूरत कहते हो उनके भीतर कभी झांक कर देखे हो क्या? सामने बड़ाई पीठ पीछे निंदा करने वालों खुद की बुराई मापकर देखे हो क्या? काले गोरे में भेद करते हो काला दिल सफेद करते हो दिल से गोरे हो क्या? चांद चकोरे हो क्या? -मुस्कान वर्मा kala gora #findingyourself