तोहमत से हो गए है भार मुक्त हम ज़माने की अब जीवन में न कुर्बत ..... न कोई क्लेश बचे हैं जिन की कोई मंज़िल हो .....ज़िन्दगी में वो सफर ही कहाँ अब शेष बचे है। खुदा जो अपनी मर्ज़ी से पहना दे वही बस वेश बचे हैं रिश्ते सारे ....स्नेह के बंधन सभी ... मात्र लेश बचे है #yqbaba#yqdidi#yqtales#yqquotes#ज़िन्दगी#मनकीबातें#ख़्याल अश्रु: आँसु चक्षु: आंखें #YourQuoteAndMine Collaborating with Rana