सवालात फिर नहीं होंगे, मंजिल, मेरा आगाज तो करे ! ग़जलों का जखीरा है, शायर ज़रा, आवाज तो करे !! वो काफी करीब आ जायेगा, दिल, मेरा बर्बाद तो करे ! बेचैन होना सीखा गया है, इन हालों में, याद तो करे !! मैं रोऊँगा फिर उसी छत पर, सावन ज़रा,बरसात तो करे ! धुप, छाँव, बादल ये तन्हापन किसी मसले पर,बात तो करे !! लम्हों में बँट कर याद आता है, सँग बैठे कभी ,दिन को रात तो करे ! ख्यालों का शहर उसके नाम है, हकीकत में कभी, मुलाक़ात तो करे!! सवालात फिर नहीं होंगे, मंजिल, मेरा आगाज तो करे !!! #अभिदेव_आभाष ©Abhidev - Arvind Semwal सवालात फिर नहीं होंगे, मंजिल, मेरा आगाज तो करे ! ग़जलों का जखीरा है, शायर ज़रा, आवाज तो करे !! वो काफी करीब आ जायेगा, दिल, मेरा बर्बाद तो करे ! बेचैन होना सीखा गया है,