माताओं से पाकर स्नेह और दुलार, पिता से पाकर भरपूर प्यार.. करके बाल लीला अपरम्पार,समय बीत गया थोड़ा थोड़ा..! माता-पिता से ले आज्ञा चल पड़े चारों धारण कर, वेश मुनियों के बनाकर त्याग महलों की सुख-सुविधा..! चारों बालक गए गुरुकुल, गुरु दर्शन उनको हुए,, ज्ञान प्राप्त कर आये भगवन, देते बधाई सब नारी जन..! एक दिन महर्षि विस्वामित्र अयोध्या आये, राम लक्ष्मण को वास्ते लेजावन, गुरु की इस माँग को अनदेखा न कर सके राजा दशरथ.. यज्ञ रक्षा करने दोनों भाई अवध छोड़ चले रघुराई..! एक दिन फूल तोड़ने उपवन आये श्री राम,, सिय सखी देख राम को उपवन खूब लजाए..! जनकपुरी में हुआ स्वयम्वर , जो शिव घनुष तोड़ेगा वहीं बनेगा सिय प्रियवर... बड़े-बड़े गुनी योद्धा राजा जनक के दरबार है आये.. महर्षि वाल्मीकि संग राम लक्ष्मण भी पधारे.. शुरू हुआ स्वयम्वर , हार मान गए बड़े से बड़े धनुर्धर.. घनुष हटा नहीं तनिक किनारे, तब उठ राम है आए.. भगवान शिव को प्रणाम किया, सिय को देख मुस्कुराए उठाया घनुष और तोड़ डाला, सारे सभा में अचरज मचाया अवधपुरी में बजी शहनाई, चारों ओर खुशियाँ छाई मन था कोमल सुंदर काया, राम के जीवन में सुख आया सिय ने राम को वरमाला पहनाया, हुआ विवाह श्री राम सिय का अयोध्या और जनकपुरी में खुशियाँ छाई..!! ©rishika khushi जय माता दी🙏 #NojotoRamleela #NojotoRamleela #रामस्वयम्वर #NojotoWritters #8oct