कौन हैं वो जो दूर रहकर भी मेरे पास है, कुछ एहसास है,कुछ रिश्ते है जो ख़ास है, न चाहते हुए भी तुझे ही हरवक्त चाहना, कैसे ये जुड़े तुमसे मेरे गुमनाम जज्बात है, अजीब है,कहना कुछ चाहो कह कुछ जाते, ऐसे मेरे अल्फाज में उलझे से ये अल्फ़ाज़ है, यूँ इस तरह की बैचेनी न जाने कैसे होने लगी, जरूर ये कोई इश्क़ मोहब्बत का आगाज है, या मेरे ख़ुदाया तू तो इन सब से वाकिफ है, कुछ छुपा सकूँ ऐसे तो मेरे पास न कोई राज हैं। ❤ प्रतियोगिता- 404 ❤आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा विषय है 👉🏻🌹"कुछ रिश़्ते हैं जो ख़ास हैं"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I