अध्याय 11 श्लोक 21 व 46 में अर्जुन कह रहा है कि भगवन् ! आप तो ऋषियों, देवताओं तथा सिद्धों को भी खा रहे हो, जो आप का ही गुणगान कर रहे हैं। हे सहस्त्राबाहु अर्थात् हजार भुजा वाले भगवान ! आप अपने उसी चतुर्भुज रूप में आईये। मैं आपके विकराल रूप को देखकर धीरज नहीं कर पा रहा हूँ।काल की एक हजार भुजाऐं हैं। श्री कृष्ण जी श्री विष्णु जी के अवतार थे, जिनकी चार भुजाऐं हैं।