मेरी शिकायत कभी भी किसी के मोहब्बत तालीम में नहीं रही. मुझसे "सुध के कर्ज की तरह" , वक़्त बिताया गया. मैंने उसे भी एक तर्ज की तरह निभाया. पागल थी, समझ नहीं थी, दुनिया की. सुना खुदा होता है, मान बैठी. नाकाब_तन्हाई_रंज_ रुसवा, शायरी में सुन रखा था. हकीकत गर आसमान है, तो मोहब्बत ख्वाब है. मिलते नहीं कभी. गर आपको लगे, आप किसी के साथ हो कर तन्हा हो. जब लगे, वो इंसान चादर की दुनिया से बाहर नहीं देखता. वो भेड़िया है, जो जंगलों के मासूम जानवरों को रात की नींद मे नोच खाता है. शिकार आपकी मासूमियत है. आपको कर्ज चुकाने पड़ेंगे, दरिंदगी का. ईन सब के बीच, कोई आपका अपना है," वो है आत्मसम्मान" और खुद आप. #heartwrenchingwords ©Rumaisa #hearbroken #Wrenching #Soch #Mohhabat #selfrespect