आत्महत्या अंतिम पर्याय??? क्या आत्महत्या ही एकमेव उपाय रह जाता है, जिंदगी से बचने का? क्या प्रेम में निष्फल हो जाना ही अंतिम पर्याय रह जाता है जिंदगी को खत्म करने का? क्या हमारे जीवन पर सिर्फ हमारा ही हक्क है,हमें चाहने वालों का नहीं? क्या मुश्किलें सुलझती नही जीवन की,जिनके साथ हम रहे है,तो उन्हें छोडकर कही और जीवन व्यापन हो नहीं सकता? कब तक हम औरतें लाचारी का परदा ओढे बेठैंगी,क्या जिंदगी से लड़ नहीं सकती? सिर्फ आत्महत्या करना,खुद को समाप्त करना ही उपाय नहीं है,जिंदगी को सभी मुश्किलों से जूझते हुए जीना जिंदगी है।।