Nojoto: Largest Storytelling Platform

सो गए सब धर्म के धोरी नहीं कोई धनी। बात बिगड़ी इस

सो गए सब धर्म के धोरी नहीं  कोई  धनी।
बात बिगड़ी इस क़दर और  ईर्ष्या है घनी।

बांटते हैं ज़हर देखो हो गये विषधर सभी!
आसरे की लीक पे है दुश्मनी सबसे ठनी।

तोड़दे अनुबंध सारे सच मुझे कहता रहा!
झूठ में डूबी लकीरें पृष्ठ पर  दिखने लगीं।

शब्द शर कर उठालो हाथ में अपने खड्ग!
गर्जना कर दूर कर जो वीरता कायर बनी।

बिकगए नाज़िम तो देखो चंद चाँदी के लिए!
पर यहाँ पंछी' की पाँखें तो अभी रण में तनी। #कोराकाग़ज़ #kkकाव्यमिलन  #काव्यमिलन_2  #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़काव्यमिलन #पाठकपुराण
सो गए सब धर्म के धोरी नहीं  कोई  धनी।
बात बिगड़ी इस क़दर और  ईर्ष्या है घनी।

बांटते हैं ज़हर देखो हो गये विषधर सभी!
आसरे की लीक पे है दुश्मनी सबसे ठनी।

तोड़दे अनुबंध सारे सच मुझे कहता रहा!
झूठ में डूबी लकीरें पृष्ठ पर  दिखने लगीं।

शब्द शर कर उठालो हाथ में अपने खड्ग!
गर्जना कर दूर कर जो वीरता कायर बनी।

बिकगए नाज़िम तो देखो चंद चाँदी के लिए!
पर यहाँ पंछी' की पाँखें तो अभी रण में तनी। #कोराकाग़ज़ #kkकाव्यमिलन  #काव्यमिलन_2  #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़काव्यमिलन #पाठकपुराण