Nojoto: Largest Storytelling Platform

तरसते रहे उम्रभर कांधे पे सर रखकर जिनके आंसू बहने

तरसते रहे उम्रभर कांधे पे सर रखकर 
जिनके आंसू बहने को,

क्या पता था मुर्शीद 
वो एक रोज खुद रोते हुए 
हमे कांधा देगा। 

Sajan......✍️

©Sajan #कांधा
तरसते रहे उम्रभर कांधे पे सर रखकर 
जिनके आंसू बहने को,

क्या पता था मुर्शीद 
वो एक रोज खुद रोते हुए 
हमे कांधा देगा। 

Sajan......✍️

©Sajan #कांधा