आज फिर से कुछ अकेला सा महसूस किया कोई नई बात नहीं थी इसमें भी फिर क्यों खुद को दुख दिया नज़रों में नहीं गिराना मुझे किसी को इसलिए अनचाही बातों से मैंने खुद को खुश किया B१@१८&#&@