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पहले न मैं बेखौफ फ़ोन चलाती थी। दोस्तो को हर दूसर

 पहले न मैं बेखौफ फ़ोन चलाती थी।
दोस्तो को हर दूसरे पांचवे मीम्स पर टैग भी कर देती थी।
बिना ये सोचे कि  उसको क्या फ़र्क पड़ेगा?
कुछ भी बोल देती थी, क्योंकि दोस्ती तो बेबाक होती हैं न 
यही रूल मैने sin cos tan के साथ सीखा था।
10वी का रिजल्ट के साथ फ्रेंड्स टैग बन चुका था
दोस्त हमारे कुछ हम जैसे मनमौजी होगे।
लेकिन अब थोड़ा डर लगता हैं
 मीम्स शेयर सेंड बटन क्लिक होने के एक सेकंड पहले 
 रिबैक होकर  फिर अपनी ही दुनियां में खो जाते है,
उन्हें  कहीं बुरा न लग जाए कि वो सही और हम गलत हैं।
शायद बात अब सही गलत  की भी नहीं हैं,
क्योंकि मैंने न अब  उलझना छोड़ दिया है,
दोस्तो को बेबाक कहना छोड़ दिया है,
 क्योंकि अक्सर कुछ दोस्त ज्यादा समझदार होते हैं।

©Ruksar Bano
  #writer #memelife