"प्रेम रोग" प्रेम यूँ होता नहीं, किसी से हक जताने से। गर इश्क सच्चा हो गया, छुपता नहीं छुपाने से।। यह इश्क का जो रोग है, मशहूर है जमाने से। मीठा सा दर्द होता है, इस रोग को बढ़ाने से।। यह रोग लाइलाज है, फायदा ना दवा खाने से। फर्क पड़ता है नहीं, डॉक्टर को भी दिखाने से।। इश्क भी क्या चीज है, होता है किस बहाने से। बेचैन दिल हो जाता है, किसी का दिल चुराने से।। #मेरीकविताएँ #प्रेमरोग