मैं तेरे ख्वाब सजा लूँ ,अगर बुरा न लगे इन निगाहों में बसा लूँ, अगर बुरा न लगे देखना चाहता हूँ, सच है या तू अफ़साना मैं तुझे हाथ लगा लूँ, अगर बुरा न लगे --प्रशान्त मिश्रा बुरा न लगे