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*शहीद* मै एक पत्ता इस विशाल वृक्ष का जिसकी शाख पर

*शहीद*

मै एक पत्ता
इस विशाल वृक्ष का
जिसकी शाख पर
मै हुआ हूँ
कोपल से विकसित पर्ण,
इसके संरक्षण मे लड़ा
मै कई झंझाओं से युद्ध
थका नही,पीत पड़ा
कैसे होऊं मै
प्रकृति विरुद्ध,
अब चाह बस यही
टूंटू जब शाख से
मिलूं मृदा मे यहां
और बन उर्वर
पोषित करुं इस
विशाल ‘भारत’ वृक्ष को
ताकि, फूट सके
शाख पर इस वसंत
नव-कोपल|||

©Prabhat Kumar Gautam #IndependenceDay 
#martyred 
#soldierwant
#zindagikerang
*शहीद*

मै एक पत्ता
इस विशाल वृक्ष का
जिसकी शाख पर
मै हुआ हूँ
कोपल से विकसित पर्ण,
इसके संरक्षण मे लड़ा
मै कई झंझाओं से युद्ध
थका नही,पीत पड़ा
कैसे होऊं मै
प्रकृति विरुद्ध,
अब चाह बस यही
टूंटू जब शाख से
मिलूं मृदा मे यहां
और बन उर्वर
पोषित करुं इस
विशाल ‘भारत’ वृक्ष को
ताकि, फूट सके
शाख पर इस वसंत
नव-कोपल|||

©Prabhat Kumar Gautam #IndependenceDay 
#martyred 
#soldierwant
#zindagikerang