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जैसा मान वैसा ही अपमान । दोनों में सम रहने वाला ह

जैसा मान वैसा ही अपमान ।

दोनों में सम रहने वाला ही 

समयोगबुद्धि को प्राप्त करने का 

अधिकारी बन जाता है। गीता का ज्ञान।
जैसा मान वैसा ही अपमान ।

दोनों में सम रहने वाला ही 

समयोगबुद्धि को प्राप्त करने का 

अधिकारी बन जाता है। गीता का ज्ञान।