अंजू, मंजू, विद्या, बाला लोटन, छोटन, मोटा लाला देखो "काका" ने बना डाली 108 नाम की माला... कविता नीचे अनुशीर्षक में पढ़ें👇 मेरे मित्र और छोटे भाई Palash Chouhan का आभार जो उन्होंने मुझसे काका की इतनी सुंदर और कलात्मकता से परिपूर्ण कविता को साझा किया... इसमें काका ने 108नामों को अपने चुटीले अंदाज़ में समाहित किया है,आप सभी आनंद लें...🤗🙏 नाम-रूप के भेद पर कभी किया है ग़ौर ..? नाम मिला कुछ और तो शक्ल-अक्ल कुछ और।। शक्ल-अक्ल कुछ और नयनसुख देखे काने । बाबू सुंदरलाल बनाये ऐंचकताने ।।