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सहस्त्रों बार प्रणाम विश्व की अद्भुत उड़नपरी को...

सहस्त्रों बार प्रणाम विश्व की अद्भुत उड़नपरी को......

अनचाही वो बेटी माँ के मस्तक चंदा जड़ती है|
कांटो की इस खेप से ही घर की फुलवारी बढ़ती है|
साहसी सौलह बेटों की फौज जो काम नहीं थी कर पायीं 
वो एक अकेली हिमा दास लो मान तिरंगा लड़ती है|

#दुष्यंतओझा 
#दुष्यंतकुमारओझा 

दुष्यंत कुमार ओझा 
उदयपुर राजस्थान 
8619169664 #हिमादास #himadaas
सहस्त्रों बार प्रणाम विश्व की अद्भुत उड़नपरी को......

अनचाही वो बेटी माँ के मस्तक चंदा जड़ती है|
कांटो की इस खेप से ही घर की फुलवारी बढ़ती है|
साहसी सौलह बेटों की फौज जो काम नहीं थी कर पायीं 
वो एक अकेली हिमा दास लो मान तिरंगा लड़ती है|

#दुष्यंतओझा 
#दुष्यंतकुमारओझा 

दुष्यंत कुमार ओझा 
उदयपुर राजस्थान 
8619169664 #हिमादास #himadaas