Nojoto: Largest Storytelling Platform

बेवज़ह की हसद में फँसे हैं जैसे खून से हाथ रचे हैं

 बेवज़ह की हसद में फँसे हैं जैसे खून से हाथ रचे हैं,
दूसरों पर उछाल कर कीचड़ भूल रहे कि खुद के भी हाथ धँसे है..!

यूँ ही नहीं रखना चाहता कोई किसी से रिश्ता,
अपनापन दिखा कर अपने ही तो हर बार डसे हैं..!

©SHIVA KANT
  #hasad

#hasad

72 Views