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मुझे शायर बनना ही होगा अब खुद से रूठना ही होगा जि

मुझे शायर बनना ही होगा अब खुद से रूठना ही होगा 
जिन राहों पर हु वो हसी है पर मुझे कैसे न कैसे टूटना ही होगा 

बहलाकर दूसरो को मैं मंजिल तक पहुंचा दुगा
घर से बाहर निकलकर में आग घर में सुलगा दुगा 

हर किसी के आसू बस मेरी आंख से बहेगे इतनी खुशियां लुटाऊगा
गमो के बादल जो मेरे ऊपर छा जाएंगे लिख लिखकर उनको हटाऊगा

अपनी हस्ती मिटा कर खुद को कागज कलम कर लूंगा
किसी के कुछ जानने से पहले दुनिया को हर लूंगा

©Half Shadow *घर में आग लगा दुगा
halfshadow8338

Half Shadow

Bronze Star
New Creator

*घर में आग लगा दुगा

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