Nojoto: Largest Storytelling Platform

जाने कभी गुलाब लगती है जाने कभी शबाब लगती है तेरी

जाने कभी गुलाब लगती है
जाने कभी शबाब लगती है
तेरी आखें ही हमें बहारों का ख्बाब लगती हे
मैं पिए रहु या न पिए रहु,
लड़खड़ाकर ही चलता हुं
क्योकि तेरी गली कि हवा ही मुझे शराब लगती है #shayari #pyar #mohabbat
#hindi
जाने कभी गुलाब लगती है
जाने कभी शबाब लगती है
तेरी आखें ही हमें बहारों का ख्बाब लगती हे
मैं पिए रहु या न पिए रहु,
लड़खड़ाकर ही चलता हुं
क्योकि तेरी गली कि हवा ही मुझे शराब लगती है #shayari #pyar #mohabbat
#hindi
akashmaurya5176

Akash Maurya

New Creator