बहुत कुछ करने को है बहुत कुछ सुनने को है फिर तन्हा ज़िन्दगी होने को है, बहुत आंसू रोने को है बहुत दर्द तड़पने को है फिर कोई बात कहने को है, बहुत रात होने को है बहुत शामें ढलने को है फिर तन्हा ज़िन्दगी होने को है, बहुत दिल टूटने को है बहुत आरज़ू दबने को है फिर कोई बात कहने को है...... 'संघ' #zindagi #tees