यह किसी से छिपा नहीं है कि मद्रास में किस प्रकार की परम पारी गौरव में अभी शिक्षा दी जाती है जो आज के दौर में उतनी ही प्रसांगिक नहीं रह गई वास्तव में अपनी परंपरा को बनाए रखना और उन्हें पोषित करना प्रत्येक समुदाय का दायित्व है लेकिन उनके साथ आधुनिकता से कदमताल करना भी उतना ही आवश्यक है लेखक का यह कहना व्यथा अर्थ है कि आज जिस प्रकार की शिक्षा आवश्यक है उसकी पूर्ति में मद्रासी प्रभावी सिद्धि नहीं हो पा रहे हैं देश की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और हो पा रही है इसी बढ़ती आर्थिक में जिस प्रकार की नई नीति के रोजगार इसकी बढ़ती आर्थिक में जिस तरह तरह की रोजगार सरजीत हो रहे हैं उसकी प्राप्ति में मद्रास शिक्षा की समिति उपयोगिता है ऐसे में उनसे मुख्यधारा से जुड़े सभी समय अनुकूल परिवर्तन की दिशा में ©Ek villain #आधुनिक हो मद्रास शिक्षा #mask