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लॉकडाउन में हुई घटनाओं की कविता ******************

लॉकडाउन में हुई घटनाओं की कविता
******************************

सत्य घटनाओं पर है आधारित ना मजाक इसे समझना रे,
करोना जैसी महामारी में  लॉकडाउन करना जरूरी था रे,
सोच सबकी बदल गई हाय रे कीड़े पड़े इस बैरन करोना को।

पुरूष: आर्थिक सोच
हरेक वर्ग इससे हुआ प्रभावित किसी को खाने के वाट लगे,
पुरुष यह सोचकर घबराए, इस लॉकडाउन में पैसे कैसे कमाए।

स्त्रियां: विचार
स्त्रियां पहले  खुश बहुत थी, करके डिमांड सबकी पूरी रसोई में काम करके थक रही थी,
स्वभाव में चिड़चिड़ापन , चेहरे से गुस्सा, पर मन में करोना को गाली दे रही थी ।

बच्चों: सोच में बदलाव
बच्चों की तो जैसे मौज हो गई, पढ़ाई के नाम पर यूट्यूब पर नहीं खोज हो गई,
बदल गया जैसे हो नजरिया,कह रहे हैं,पढ़के ना यूट्यूब पर नाम कमाएंगे।

बुजुर्ग: मौत का डर
सिमरन की बेला थी, रोज़ मंदिर जाते थे, शायद बुरे कर्मों का नतीजा है,
अन्याय बहुत हो चुका है जगत में, इसलिए ईश्वर ने हिसाब बराबर कर रखा है,
हे ईश्वर हमारे कर्मों की सजा इस कदर ना दे हमें,
करोना  की बीमारी किसी  दुश्मन को भी ना लगे।
 #tpc29
#tp30c30f 
#theprompter
लॉकडाउन में हुई घटनाओं की कविता
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सत्य घटनाओं पर है आधारित ना मजाक इसे समझना रे,
करोना जैसी महामारी में  लॉकडाउन करना जरूरी था रे,
सोच सबकी बदल गई हाय रे कीड़े पड़े इस बैरन करोना को।

पुरूष: आर्थिक सोच
हरेक वर्ग इससे हुआ प्रभावित किसी को खाने के वाट लगे,
पुरुष यह सोचकर घबराए, इस लॉकडाउन में पैसे कैसे कमाए।

स्त्रियां: विचार
स्त्रियां पहले  खुश बहुत थी, करके डिमांड सबकी पूरी रसोई में काम करके थक रही थी,
स्वभाव में चिड़चिड़ापन , चेहरे से गुस्सा, पर मन में करोना को गाली दे रही थी ।

बच्चों: सोच में बदलाव
बच्चों की तो जैसे मौज हो गई, पढ़ाई के नाम पर यूट्यूब पर नहीं खोज हो गई,
बदल गया जैसे हो नजरिया,कह रहे हैं,पढ़के ना यूट्यूब पर नाम कमाएंगे।

बुजुर्ग: मौत का डर
सिमरन की बेला थी, रोज़ मंदिर जाते थे, शायद बुरे कर्मों का नतीजा है,
अन्याय बहुत हो चुका है जगत में, इसलिए ईश्वर ने हिसाब बराबर कर रखा है,
हे ईश्वर हमारे कर्मों की सजा इस कदर ना दे हमें,
करोना  की बीमारी किसी  दुश्मन को भी ना लगे।
 #tpc29
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#theprompter