बिहार जातीय गणना का काम शुरू कर चुका है और यह देश का पहला राज्य वैसे तो जातिगत जनगणना की मांग लंबे समय से विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता कर रहे थे जो अब पूरी हो रही है यह जाति आधारित जनगणना केवल राजनीतिक लाभ के लिए नहीं होनी चाहिए बल्कि इसके साथ साथ इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि किस जाति का आर्थिक समाज और शैक्षिक स्तर ठीक नहीं है उसको सरकारी योजनाओं को कितना लाभ मिला है यह जानकारी लेना भी जरूरी है सच बात तो यह है कि चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दल जाति व्यवस्था के नाम पर अपनी दुकानें चला रहे हैं ©Ek villain #Valley बिहार में जातिगत जनगणना का मूल उद्देश्य